6. माता-पिता और बच्चों के अधिकार
स्क्रिप्ट: धर्म या विश्वास की आज़ादीकी विषय
सूवि – र्ाता-विता और बच
नागरिक औि िाजनीतिक अतिकाि ों पि अोंििााष्ट्रीय अनुबोंि के
अनुच्छे द 18 में मािा-तपिा औि बच् ों के तिए िमा या तिश्वास की
आज़ादी के सोंबोंि मेंतिशेष अतिकाि प्रदान तकए गए हैं। मािा-तपिा
औि कानूनी अतििािक ों क अपने बच् ों क िातमाक औि नैतिक
तशक्षा देने, औि परििाि के जीिन क अपने तिश्वास ों के अनुसाि
व्यिस्थिि किनेका अतिकाि है।
मानि अतिकाि के िि बातिग ों के तिए ही नहीों हैं! बच् ों क िी िमा
या तिश्वास की आज़ादी का अतिकाि है – उदाहिण के तिए
उनक िातमाक या तिश्वास समुदाय के जीिन का तहस्सा बननेका, औि
िातमाक त्यौहाि ों या आिािना मेंिाग िेनेका अतिकाि है।
बच् ों क अपने मािा-तपिा या अतििािक ों की इच्छानुसाि िातमाक
तशक्षा पाने का अतिकाि िी है। अपने मािा-तपिा की इच्छाओों के
स्ििाफ उन्हेंपाप-अोंगीकृ ि किने िािे िातमाक तनदेश मेंिाग िेने के
तिए मजबूि नहीों तकया जा सकिा है, औि जैसेही बच्ेबडेह िेहैंि
उनकी अपनी इच्छाओों क िगािाि ध्यान मेंििा जाना चातहए।
इन अतिकाि ोंके उल्लोंघन के कई उदाहिण हैं। मध्य एतशया के देश ों
में, स तियि के अिीि की तििासि का एक तहस्सा यह है तक सिकाि
समाज के हि पहिू क तनयोंतिि किना चाहिी है। उदाहिण के
तिए, िातजतकस्तान मेंअोंतिम सोंस्काि क छ ड कि 18 िषा सेकम उम्र
के बच्ेिातमाक आिािना या कायाक्रम में िाग िेने सेकानूनन
प्रतिबोंतिि हैं। औि अन्य मध्य एतशयाई िाज् ों में, स्कू िी-आयु
के बच्ेज मस्िद ों औि ईसाई तगिज ोंमेंजािे हैंया ज ग्रीष्मकािीन
तशतिि ों जैसी गतितितिय ों में तहस्सा िेिे हैं, सिकािें
उनसेपूछिाछ कि उन्हेंिोंग कििी हैं, साि ही उन बच् ोंकी स्कू ि ों में
सािाजतनक तनोंदा की जािी है।
इसतिए कु छ सिकािें बच् ों क िमा का पािन किने से ि किी हैं।
कु छ अन्य सिकािें अल्पसोंख्यक ों के बच् ों क िातमाक तशक्षा मेंिाग
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िेने के तिए मजबूि कििी हैं, तजसका उद्देश्य उन्हेंबहुसोंख्यक िमा
मेंपरिितिाि किना ह िा है। यह इस िथ्य के बािजूद िी ह िा है तक
िाज् ोंका यह सुतनतिि किने का किाव्य है तक बच् ों क न
केिि सैद्ाोंतिक िौि पि बस्ि व्यािहारिक रूप सेपापअोंगीकृ ि
िािेिातमाक तनदेश सेछू ट तमिे।
िुकी में, कु छ सुिाि ों के बािजूद, िातमाक सोंस्कृ ति औि नैतिकिा
पाठ्यक्रम औि पाठ्यपुस्तक ों में अिी िी पापअोंगीकृ ि किने िािे
िातमाक तनदेश शातमि हैं। यहूदी औि ईसाई छाि ों क सैद्ाोंतिक रूप
सेइस सेछू ट दी गई है, िेतकन व्यिहाि मेंऐसी छू ट का दािा किना
मुस्िि या असोंिि ह सकिा है। औि एिेिी, बहाई, नास्स्तक या
अज्ञेयिाद परििाि ों के बच्े, या िह छाि ज अपनी इच्छा से
ऐसेतिश्वास ोंक मानिेहैं, उन्हेंप्रतशक्षण िेनेके तिए मजबूि तकया जािा
है। इन सिी उदाहिण ों में, मािा-तपिा औि बच् ों, द न ों के अतिकाि ों
का उल्लोंघन तकया जा िहा है।
बाि अतिकाि ों पि सम्मेिन (सी.आि.सी.) क आपनाने से
पहिे, अोंिििाष्ट्रीय मानि अतिकाि कानून मेंिास्ति में बच्े के
अतिकाि ों पि तिशेष रूप सेचचाानहीोंहुई। सम्मेिन नेइसेबदि तदया,
इस पि ज़ ि देिे हुए तक बच्े िास्ति मेंअतिकाि िािक हैं, औि
अनुच्छे द 14 अनुसाि उन्हेस्वम ही िमा या तिश्वास की आज़ादी का
अतिकाि प्राप्त है।
अनुच्छे द 14 मेंबच् ों क स्विोंि औि कमज़ ि द न ोंही रूप में
प्रस्तुि तकया गया है, िमाया तिश्वास की आज़ादी के अतिकाि का प्रय ग
कििेसमय उन्हेमािा-तपिा की सहायिा औि मागादशान की
आिश्यकिा ह िी है, तिशेषकि िाज् के साि सोंबोंि में।
इस सम्मेिन मेंस्पष्ट् है तक बच्े का सिोत्तम तहि ही एक
माि तसद्ाोंि है, तजस सेसिी मामि ोंमेंमागादशान तमिना चातहए। यह
बच् ों के उन अतिकाि पि िी ज़ ि देिा है, तजसके अनुसाि िेउन सिी
मामि ों पि अपनी िाय व्यक्त कि सकें, तजन का प्रिाि उन पि पड्िा
है। तफि िी, अक्सि बडे ि ग ही, तिशेषकि मािा-
तपिा, बच् ोंके सिोत्तम तहि ों के बािेमेंतनष्कषातनकाििेहैं, औि उनके
तिए आिाज़ उठािेहैं।
हािाोंतक, किी-किी बच् ों औि मािा-तपिा के तहि अिग-अिग ह
सकिे हैं। इन मामि ों में, बच् ों के िमा औि तिश्वास की आज़ादी का
अतिकाि मािा-तपिा के अतिकाि ों की िुिना मेंसोंिुतिि ह ना चातहए।
उदाहिण के तिए, तकस उम्र मेंबच्ेक िातमाक प्रिाओोंया तिश्वास के
बािे मेंअपना तनणाय िेनेका अतिकाि है? उदाहिण के तिए, क्या िे
चचा जाना चाहिेहैं?
बच्ेके अतिकाि ों पि सम्मेिन के अनुसाि, िमा या तिश्वास के मामि ों
में मािा-तपिा का मागादशान बच्े की तिकतसि ह िही क्षमिाओों
के अनुसाि अनुकू ि ढोंग सेतदया जाना चातहए। दू सिे शब् ों में, जैसे-
जैसेबच्ा बढिा औि परिपक्व ह िा है, उसेऔि अतिक आज़ादी तमिनी
चातहए।
अोंिििाष्ट्रीय कानूनी मानक अनुसाि 18 साि की उम्र
मेंव्यस्किा प्राप्त ह िी है, िेतकन सिाि ि यह हैतक जैसे-जैसे िह
बचपन के दौि में प्रगति कििे हैं, तकिनी आज़ादी औि मानतसक
परिपक्विा बच् ों के तिए तनिाारिि ह ; िह अतिकिि सोंस्कृ तिय ों औि
सोंदिों पि िी आिारिि है। तितिन्न देश ोंमेंअिग-अिग कानून औि
तनयम हैं। स्वीडन में, उदाहिण के तिए, 12 िषाकी आयुके बच् ों क
उनकी इच्छा के तिपिीि तकसी एक िातमाक समुदाय का सदस्य नहीों
बनाया जा सकिा है।
बच्े के अतिकाि ों पि सम्मेिन एक सािािौतमक मानदोंड िय कििा
है, तक मािा-तपिा बच् ोंका कै सेपािन-प षण कििेहैं- एक िमा या
तिश्वास क मानने के कािण बच्े के शािीरिक या मानतसक स्वास्थ्य
या तिकास क नुकसान नहीोंपहुोंचना चतहए।
मािा-तपिा के िमा या तिश्वास की आज़ादी के अतिकाि बनाम बच्ेके
अतिकाि सेसोंबोंतिि मामिेयदा-कदा ही अदािि मेंआिेहैं।
हािाोंतक, अपनेबच् ों क िक्त सोंक्रमण प्राप्त किनेसे ि कनेके तिए
यह िा तिट्नेस का अतिकाि एक उदाहिण है, जहाों अदािि ों ने िमा
या तिश्वास की आज़ादी के तिए मािा-तपिा के अतिकाि ों
के स्ििाफ़ औि बच्े के जीिन के अतिकाि के पक्ष
मेंफै सिा तदया है। सािाोंश में, इस तफल्म मेंहमनेमािा-तपिा औि बच् ों के अतिकाि ों क
देिा है.
बच् ों क िमा या तिश्वास की आज़ादी का अतिकाि है, औि मािा-तपिा
क अपनेबच् ों क अपनी मान्यिाओों के अनुसाि पािन-प षण किने
का अतिकाि है। यह इस ििीके से तकया जाना चातहए ज बच्े की
बढ़िी हुई परिपक्विा के अनुकू ि ह , िमा या तिश्वास क मानने के
कािण बच्ेके शािीरिक या मानतसक स्वास्थ्य या तिकास क नुकसान
नहीोंपहुोंचना चातहए। उल्लोंघन ों के उदाहिण ों में ऐसे िाज् शातमि
हैं, ज बच् ों क िमा का पािन किने से मना कििे हैं, औि ऐसे िी
िाज् हैंज अल्पसोंख्यक बच् ों पि बहुसोंख्यक िातमाक तनदेश क
मजबूिन ि पिेहैं।
िमा या तिश्वास की आज़ादी के सोंबोंि में मािा-तपिा औि बच् ों के
अतिकाि ों के बािे मेंआप अतिक जानकािी हमािे
िेबसाइट पि प्रतशक्षण सामग्री मेंदेि सकिे हैं, तजनमेंिेसिी मानि
अतिकाि दस्तािेज़ शातमि हैं, तजनका तज़क्र यहाों तकया गया है.
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6. माता-पिता और बच्चों के अधिकार
माता-पिता और बच्चों के पास क्या अधिकार हैं? दुनिया भर के देशों से अनेक उदाहरण यह स्पष्ट करते हैं कि बच्चों के अधिकारों, और माता-पिता और बच्चों के अधिकारों के बीच संतुलन का राज्य कैसे उल्लंघन करतें है।